मैथिली कविता : दहेजक पीडा



देखमे वर निमन बड्ड
रंग ढंग कोठाबाला घर
देखिते मारा छारी देल्कौ।माइ

जानकी जिसऽ करि प्रार्थना
कतेक सहब हम आब यातना
सलाइ खररिकऽ जारी देल्कौ।

हाथ पैर आ देह छाइन कऽ
बिचला खम्हामे बाइन्ह कऽ
मटिया तेल ढारी देल्कौ।

नै देलहि बुलेट,हिरो होन्डा पल्सर
ससुरकऽ नेतमे भारी छैय बिपि अल्सर
सब हुलिया हमर बिगारी देल्कौ।

देलहि नौ लाखकऽ नोट
सुट बुट शेरवानी आ कोट
कोट धोतीकुर्ता नकारी देल्कौ।

आब मगैछौ चार चक्का
मनमे रखने छक्का पंजा
ठकऽ बुद्धिसऽ पछारी देल्कौ।

नातागोता करकुटुमकऽ गाममे
टोल समाज आ ठाम ठाम्मे
सबटा इज्जत उघारी देल्कौ।।

✍️ महेश कुमार राय
सबैला नपा.९ भठिहन बजार
श्री राम जानकी उ.मा.बि.कुशमाहा सतोषर
मो.९८१७६२६२३३

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